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| August 1, 2022

प्रोपर्टी है अंडर कंस्ट्रक्शन और चाहिए लोन तो इसे ध्यान से पढ़ें

सपनों का घर हर किसी का सपना होता है। जीवन का एक ऐसा सपना जो सच होना किस्मत की बात होती है। ऐसे में होम लोन इसका एक सहज और सही माध्यम बन गया है। लेकिन होम लोन के लिए किसी बैंक या वित्तीय संस्थान की ओर कदम बढ़ाने से पहले एक बार उसके बारे में जानकारी लेना जरूरी है, जानना जरूरी है कि कोई भी वित्तीय संस्थान होम लोन किस तरह देता है, उसकी क्या प्रक्रिया होती है। यहां तीन बातों के बारे में जानकारी दी गई है जो आपके काम को आसान बना देंगी।

होम लोन के प्रकार

जब भी कोई बैंक या वित्तीय संस्थान लोन देता है तो वह उस अचल संपत्ति और उसके आस पास होने वाले डवलपमेंट के काम पर भी निर्भर करता है। यह तय करता है कि लोन की राशि आपको एक साथ मिलेगी या टुकड़ों में यानी किश्तों में। मसलन यदि किसी सम्पत्ति को दोबारा से बेचा जा रहा है या फिर पूरी तरह बना हुआ घर है, तो फिर राशि एक साथ दी जाती है। वहीं यदि घर आधा बना हुआ है तो लोन राशि किश्तों में दी जाएगी। बैंकों की ओर से जो लोन की राशि दी जाती है उसे अलग अलग उद्देश्यों के लिए दी जाता है। इनमें कुछ की जानकारी हम आपको दे रहे हैंः

  • नए घर की खरीद पर
  • रिसेल पर
  • घर बनाने के लिए जमीन की खरीद
  • मकान बनाने के लिए
  • घर में सुधार कार्य के लिए

अंडर कंस्ट्रक्शन संपत्तियों के लिए होम लोन

अगर आपकी कोई संपत्ति अंडर कंस्ट्रक्शन यानी निर्माणाधीन है तो बैंक या वित्तीय संस्थान आपके घर के सपने को मूर्त रूप लेने में आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आपका घर आप खुद बना रहे हैं या कोई ठेकेदार या कोई बिल्डर उसे आकार दे रहा है, तो भी आपको होम लोन मिल सकता है। एक ध्यान देने वाली बात यह है कि कंस्ट्रक्शन से जुड़ा लोन एक साथ नहीं बल्कि किश्तों में दिया जाता है। कुछ वित्तीय संस्थान उसी राशि पर ब्याज लेते हैं, जो खर्च किया जा चुका है, ऐसे में किश्त की राशि कम हो जाती है। ईएमआई कम चुकानी होती है।

एक ऋण आवेदन में डाल रहा है

अब सवाल यह कि होम लोन के लिए आवेदन करते समय किन दस्तावेजों की जरूरत होती है। क्या यह आसानी से मिल जाता है या इसमें कोई परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि आप बैंक या वित्तीय संस्थान का चयन कर लेते हैं, जिससे आपको लोन लेना है तो दस्तावेजों की फेहरिस्त होती है जो आपको ऋण दाता को उपलब्ध करवानी होती है। आवेदन के बाद लोन की राशि मिलने में थोड़ा समय भी लग सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने डॉक्यूमेंट्स की एक सूची निश्चित की है जिसे उपलब्ध करवाना जरूरी होता है, उसके बाद ही लोन की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इसमें कई तरह के दस्तावेज शामिल होते हैं, उनकी सत्यापित प्रतिलिपि जमा करवानी होती है।

इन डॉक्यूमेंट्स की सत्यापित कॉपीः

  • राशन कार्ड
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • बैंक अकाउंट डिटेल
  • वोटर आईडी

ये हैं जरूरी डॉक्यूमेंटः

  • टेलीफोन का बिल
  • बिजली का बिल
  • गैस का बिल
  • पानी का बिल
  • प्रोपर्टी टैक्स

पहचान पत्र की सत्यापित फोटोकॉपी:

  • आधार कार्ड (यूआईडीएआई)- जिससे आपकी पहचान की पुष्टि हो सके
  • कर्मचारी आईडी कार्ड - यदि संघीय या राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया हो
  • मतदाता पहचान पत्र- यदि संघीय या राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया हो
  • पैन कार्ड

सैलेरीड आवेदक के लिए आय दस्तावेज

सैलेरी स्लिप नहीं होने की स्थिति में विगत 12 महीनों का बैंक स्टेटमेंट। इसकेसाथ ही दो साल की आईटीआर की जरूरत भी पड़ती है।

व्यवसायी आवेदक के लिए आय दस्तावेज

एक व्यवसायी के लिए लीज एग्रीमेंट, शॉप लाइसेंस जैसे डॉक्यूमेंट जिससे किसी बिजनेस की ऑनरशिप को बताया जा सके। इसके अलावा सेल बिल, सेल रजिस्टर आदि। विगत 12 महीनों का बैंक स्टेटमेंट भी और दो साल की आईटीआर भी।

गृह ऋण स्वीकृत करना

होम लोन के मामले में दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है आवेदन के बाद लोन सेंक्शन और वेरिफिकेशन। जब भी कोई आवेदक होम लोन के लिए आवेदन करता है तो वित्तीय संस्थान उस आवेदन की तकनीकी रूप से जांच करवाता है और उसका वेरिफिकेशन किया जाता है। सत्यापन किया जाता है। इसमें आवेदक की ओर से जमा करवाए गए दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाती है। इसमें समीक्षा की जाती है कि आपकी ओर से जो डॉक्यूमेंट्स जमा करवाए गए हैं, वो आपकी पात्रता को पूरा करते भी हैं या नहीं। इसके बाद आगे की प्रक्रिया के लिए इसे प्रोसेस किया जाता है।

जारी किया जाता है ऋण स्वीकृति पत्र

आपके आवेदन की जांच करने के बाद यदि सब कुछ सही पाया जाता है उसे आगे के लिए प्रोसेस किया जाता है। इसमें तय किया जाता है कि कितनी राशि के ऋण की पात्रता को आप पूरा करते हैं, कितनी राशि आपको दी जाने योग्य है। इसके बाद उसकी ब्याज दर, लोन की अवधि, भुगतान और उससे जुड़ी विभिन्न शर्तों पर भी ध्यान दिया जाता है। इस तरह की सभी शर्तों पर वित्तीय संस्थान व आवेदक के बीच सहमति हो जाती है तो लोन स्वीकृति के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं।

गृह लोन का वितरण

आम तौर पर यह देखा जाता है कि लोन के लिए आवेदन करने के बाद आवेदन यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि लोग आखिर दिया कैसे जाता है, लोन की राशि किस तरह वितरित की जाती है। आवेदन से जुड़ी विभिन्न प्रक्रिया व औपचारिकताएं पूरी होने के बाद पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है। इसमें ऋणदाता और आवेदकों के बीच एक लीगल एग्रीमेंट होता है। स्टांप पेपर पर कानूनी कागजात तैयार किए जाते हैं, यह ऋणदाता के वकीलों की ओऱ से प्रक्रिया पूरी की जाती है। जहां तक बात स्टांप शुल्क की है, वो अलग अलग राज्यों में अलग अलग निर्भर करता है। आवेदनकर्ता को ईएमआई के भुगतान के लिए पोस्ट डेटेड चेक भी देने होते हैं, इसके बाद दोनों के बीच हुए समझौते या सहमति के मुताबिक ऋण की राशि प्रदान की जाती है।

मुथूट फाइनेंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मुथूट होमफिन घर का सपना साकार करने में मदद करती है। सरल पात्रता और आवेदन प्रक्रिया के जरिए निर्माणाधीन संपत्ति, प्लॉट, होम एक्सटेंशन आदि के लिए त्वरित देने वाली अग्रणी वित्तीय फर्म है। यह सरल प्रक्रिया से लोग उपलब्ध करवाने का वादा करती है। अपने मजबूत मार्केटिंग और ब्रांच नेटवर्क के जरिए मुथूट होमफिन ने सभी के लिए होम लोन प्राप्त करना आसान बना दिया है।

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